मीडिया विमर्श जनसंचार और पत्रकारिता के विविध आयामों पर केंद्रित एक गंभीर त्रैमासिक पत्रिका है। यह पत्रिका मीडिया अध्ययन, विश्लेषण और विमर्श की उस बौद्धिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करती है जो विचार, शोध और संवाद के संतुलन पर आधारित है।
इसका उद्देश्य मीडिया और समाज के अंतर्संबंधों को समझना तथा पत्रकारिता के नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पक्षों पर सार्थक चर्चा को बढ़ावा देना है। मीडिया विमर्श न केवल सूचना के आदान-प्रदान का माध्यम है, बल्कि यह मीडिया शिक्षा, शोध और पेशेवर पत्रकारिता के बीच सेतु का कार्य भी करता है।
पत्रिका का प्रयास है कि मीडिया के क्षेत्र में सत्य, स्वतंत्रता और उत्तरदायित्व की संस्कृति विकसित हो। हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में संवाद की परंपरा को सशक्त बनाना, मीडिया शिक्षा को सामाजिक संदर्भों से जोड़ना, और नई पीढ़ी को मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता की दिशा में प्रेरित करना इसका ध्येय है।
संक्षेप में, मीडिया विमर्श केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि एक ऐसा चिंतन आंदोलन है जो मीडिया को समाज परिवर्तन और विचार-निर्माण का माध्यम बनाना चाहता है।
मीडिया विमर्श का विज़न एक ऐसे विचारशील और उत्तरदायी मीडिया समाज का निर्माण करना है, जो न केवल सूचना का वाहक हो, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक चेतना का मार्गदर्शक भी बने।
मीडिया विमर्श का मिशन है,मीडिया के माध्यम से संवाद, शोध और मूल्यनिष्ठ चिंतन की संस्कृति को संस्थागत रूप देना, ताकि जनसंचार समाज के सकारात्मक परिवर्तन का साधन बन सके।
जनसंचार के सरोकारों पर केंद्रित त्रैमासिक पत्रिका
“विचारशील समाज, उत्तरदायी और मूल्य आधारित मीडिया के निर्माण की दिशा में एक कदम”
‘मीडिया विमर्श’ का दृष्टिकोण ऐसे बौद्धिक, सांस्कृतिक और नैतिक मंच का निर्माण करना है, जो भारतीय समाज में मीडिया की भूमिका को नए अर्थों, मूल्यों और मानकों के साथ परिभाषित करे।
यह पत्रिका जनसंचार के क्षेत्र में गहराई से सोचने, विश्लेषण करने और मूल्यांकन करने की एक गंभीर शैक्षणिक परंपरा को स्थापित करना चाहती है। हमारा विश्वास है कि मीडिया केवल सूचना प्रसारण का माध्यम नहीं, बल्कि समाज की चेतना, संवेदना और सामूहिक विवेक का प्रतीक भी है।
इस दृष्टि के केंद्र में वह आकांक्षा है कि ‘मीडिया विमर्श’ संवाद, विचार और अनुसंधान की ऐसी परंपरा विकसित करे, जो पत्रकारिता को केवल खबरों तक सीमित न रखे, बल्कि उसे सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण का साधन बनाए। हम यह मानते हैं कि मीडिया का उत्तरदायित्व लोकतंत्र में नैतिकता, समरसता और लोकहित की रक्षा करना है।
हमारा उद्देश्य है कि ‘मीडिया विमर्श’ भारतीय मीडिया परिदृश्य में एक ऐसा मंच बने जहाँ विचार और तथ्य, शोध और अनुभव, सिद्धांत और व्यवहार,एक साथ मिलकर पत्रकारिता के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें।
हिंदी और भारतीय भाषाओं में मीडिया विमर्श की गंभीरता को बढ़ाना, स्थानीय और वैश्विक दोनों दृष्टियों को संतुलित करना, तथा मीडिया शिक्षा को सामाजिक संदर्भों से जोड़ना हमारी दृष्टि का अभिन्न हिस्सा है।
दीर्घकाल में, मीडिया विमर्श का लक्ष्य है कि वह मीडिया शिक्षा, शोध और नीति-निर्माण के क्षेत्र में एक मानक प्रकाशन बने।ऐसा मंच, जो अकादमिक जगत में संदर्भग्रंथ के रूप में प्रतिष्ठित हो और समाज में संवाद की संस्कृति को गहराई प्रदान करे।
“संवाद, शोध और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता की परंपरा को सशक्त बनाना”
मीडिया विमर्श का मिशन है मीडिया और जनसंचार के विविध आयामों पर केंद्रित एक ऐसा मंच बनाना जो संवाद, विश्लेषण और शोध की संस्कृति को सशक्त करे।
यह पत्रिका अपने लेखों, संपादकीयों, शोध-पत्रों और विमर्शों के माध्यम से मीडिया क्षेत्र की जटिलताओं, चुनौतियों और अवसरों पर गहन विचार प्रस्तुत करती है। हमारा उद्देश्य है कि मीडिया विमर्श केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि पत्रकारिता और समाज के बीच जीवंत संवाद का एक सशक्त सेतु बने।
हम मानते हैं कि मीडिया अध्ययन का सार निरंतर प्रश्न पूछने और उत्तर खोजने में निहित है।
इसलिए पत्रिका का मिशन है —
हमारा मिशन है कि मीडिया विमर्श अकादमिक जगत, पत्रकारिता संस्थानों और कार्यरत मीडिया पेशेवरों के बीच सेतु बने, ताकि संवाद का एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित हो।
मानद सलाहकार संपादक
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